चीन का नकली सूरज असली से है 10 गुना ताकतवर, और जानें।

 चीन का "कृत्रिम सूरज" वास्तव में एक परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) प्रयोग है जिसे EAST (Experimental Advanced Superconducting Tokamak) नाम दिया गया है। यह परियोजना चीन के ऊर्जा अनुसंधान और स्वच्छ ऊर्जा के विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।


  • कृत्रिम सूरज का उद्देश्य

कृत्रिम सूरज का मुख्य उद्देश्य परमाणु संलयन तकनीक का उपयोग करके स्वच्छ, असीम और स्थायी ऊर्जा का उत्पादन करना है। यह प्रक्रिया ठीक उसी तरह है, जैसे सूर्य में हाइड्रोजन के परमाणु जुड़कर हीलियम में परिवर्तित होते हैं और विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।

  • मुख्य तथ्य:

स्थान: EAST को चीन के अनहुई प्रांत के हेफ़ेई में स्थित चाइना फ्यूजन इंजीनियरिंग टेस्टिंग रिसर्च फैसिलिटी (CFETR) में बनाया गया है।

  • प्रक्रिया:

इसमें हाइड्रोजन आइसोटोप (ड्यूटेरियम और ट्रिटियम) को 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस (सूर्य के कोर से लगभग 10 गुना अधिक) पर गर्म किया जाता है।

उच्च तापमान पर प्लाज्मा बनता है, जिसमें परमाणु संलयन होता है।

यह प्रक्रिया बड़े पैमाने पर ऊर्जा उत्पन्न करती है और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती।

  • तापमान रिकॉर्ड:

दिसंबर 2021 में, EAST ने 70 मिलियन डिग्री सेल्सियस तापमान को 1056 सेकंड (17 मिनट 36 सेकंड) तक बनाए रखने का रिकॉर्ड बनाया था।

यह दुनिया में सबसे अधिक समय तक इतने ऊंचे तापमान को बनाए रखने वाली प्रणाली है।

  • तकनीकी चुनौतियाँ:

इतनी ऊंची ऊर्जा को स्थिर बनाए रखना।

प्लाज्मा कंटेनमेंट (मजबूत चुंबकीय क्षेत्र) को सही तरह से डिजाइन करना।

आर्थिक रूप से व्यावहारिक और बड़े पैमाने पर ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित करना।


  • लक्ष्य:

कृत्रिम सूरज का लक्ष्य 2040 तक एक व्यावसायिक स्तर पर परमाणु संलयन से ऊर्जा उत्पादन करना है।

पर्यावरणीय और वैश्विक महत्व

ग्रीन एनर्जी: यह तकनीक कार्बन-डाई-ऑक्साइड या रेडियोएक्टिव कचरे का उत्सर्जन नहीं करती।

सुरक्षा: यह पारंपरिक परमाणु विखंडन रिएक्टर (Nuclear Fission Reactor) की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित है।

लंबी अवधि का समाधान: हाइड्रोजन जैसे ईंधन स्रोत महासागरों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, जिससे यह ऊर्जा उत्पादन के लिए लंबी अवधि का समाधान बन सकता है।

अन्य देशों की स्थिति

चीन के अलावा, यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका भी परमाणु संलयन ऊर्जा पर काम कर रहे हैं।

ITER (International Thermonuclear Experimental Reactor), जो फ्रांस में स्थित है, विश्व का सबसे बड़ा फ्यूजन रिएक्टर है।

चीन का कृत्रिम सूरज प्रोजेक्ट वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के लिए एक नई क्रांति का प्रतीक है। यदि यह सफल होता है, तो यह मानव सभ्यता के ऊर्जा संकट को हमेशा के लिए समाप्त कर सकता है।


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